आज नई दुनिया में, नवभारत टाइम्स में और अनेक समाचार पत्रों में हिंदी के बारे में काफी कुछ लिखा गया है । अच्छा लगता है कि हिंदी का प्रचार-प्रसार हो रहा है, चाहे उसका माध्यम बॉलीवुड हो या प्रकाशन के अंतर्गत पत्र-पत्रिकाएं ।
लेकिन मैं एक बात और कहना चाहूंगा कि मुझे इस बात से और भी खुशी होती है कि इंटरनेट पर हिंदी का प्रयोग फैलता ही जा रहा है और बहुत से ब्लॉग इस बारे में लिखते रहते हैं । हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जिसने सबको अपना बनाया है और सब उसमें शामिल होकर खुश भी हैं । हों भी क्यों न, आखिर अनेकता में एकता के प्रतीक हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा जो है ।
आइए 14 सितंबर 2009 के उगते सूरज को प्रणाम करते हुए हिंदी में अधिक से अधिक कार्य करने की प्रतिज्ञा करें और अपने देश के विकास में योगदान दें । ठीक कह रहा हूं न,
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