बुधवार, 11 नवंबर 2009

काम की बात

पिछले कुछ दिनों से मेट्रो में बहुत सी मुसीबतें आई हैं, विशेष रूप से यात्रियों को मिलने वाली नई ट्रेन में किसी न किसी खराबी से सभी ट्रेन लेट हो रही हैं । आज की बात खास तौर पर, राजीव चौक पर बेशुमार भीड़, हमने सोचा कि क्‍यों न उलटी दिशा की ट्रेन पकड़ी जाए ताकि आराम से आया जाए, था तो एक तरह का अपराध ही, मरते क्‍या न करते, लेकिन वापसी में राजीव चौक तक एक घंटा लग गया, दरअसल आज ट्रेन चल नहीं रही थी, रेंग भी नहीं रही थी, रूक-रूक कर चल रही थी । दरअसल सुबह भी पूरा सवा घंटा लगा था, इसलिए शाम को ज्‍यादा वक्‍त न लगे यह सोच कर उलटी दिशा में गए । लेकिन अफसोस पूरा डेढ घंटा लगा । न जाने हम दिल्‍ली वाले कब सुधरेंगे, मेट्रो पर प्रबंधन बिल्‍कुल ध्‍यान नहीं दे रहा है, टोकन पर टोकन दिए जा रहा है ।

दरअसल 14 नवंबर से ट्रेड फेयर भी प्रारंभ हो रहा है इसलिए मेरा निवेदन है कि थोड़ी सी सावधानी अवश्‍य बरतिए, वरना कुछ भी हो सकता है । 13 नवंबर से किराया तो बढ़ ही रहा है । मेट्रो वालों से भी निवेदन है कि भीड़ के लिए खास इंतजाम किए जाएं ।

मेट्रो का किराया भी बढ़ा

मेट्रो की हालत चाहे जैसी हो, सवारियों में धक्‍का-मुक्‍की हो, भीड़-भाड़ में पर्स गायब हो रहे हों, एक घंटे की जगह आपको दो घंटे लग रहे हों तो आप और कुछ चाहेंगे । आपको देने की बजाए अब मेट्रो वाले 13 नवंबर से किराया ज्‍यादा लेने जा रहे हैं । वजह चाहे कुछ भी हो, यह पूर्वानुमान तो था ही कि किराया बढ़ेगा, तो अब आपकी उम्‍मीदें पूरी होने जा रही हैं, बधाई ।